शुक्रवार, 23 जून 2017

तांत्रिक वनस्पति प्रोयग 2

राम राम  सभी को सुदीप का कुछ समय पहले यहाँ पे मेने एक भाई द्वारा पूछे गये वनस्पति अनुष्ठान के बारे में बता रहा जिसको ये जानना था की कोई गाव की स्त्री या तांत्रिक ओझा किस प्रकार से वनस्पतियो द्वारा पस्तकर्म करते ह या यहाँ से शक्तिया चलाते ह ये आप भी कर सकते ह बस सभी कर्मो से सुध होना जरुरी ह और यहाँ पे सबसे जरुरी भाव और विश्वास ह क्योंकि ये ही हमारी सरीर की तरंग ह जो की हमे सही दरवाजे तक पहुचाती ह  अब बात करते ह अनुष्ठान की तो 21 से 31 दिन में ही ये अनुष्ठान पूर्ण रूप से सफल हो जाए गा मगर आपका कर्म ये होना चाहिये की उस पेड़ को कुछ ना हो साथ ही आप उसकी देख भाल करते रहे
आज में आपको ऐसे रूद्र पेड़ के बारे में बताओ गा जिसको सायद आप किसी ना किसी रूप में पूजते ह  पीपल का पेड़ आज भी गावो में यह मान्यता है की पीपल पर भुत प्रेत रहते ह और ओझा स्त्री तांत्रिक आदि पीपल निम् बरगद की सीद्धि कर के उसे चलाते ह वस्तुतः 
पीपल के पत्तो से जो तरंग उतपन होती ह वे बेहद शक्तिशाली और त्रीव तीक्षण वेगवान होती ह  यह कारण है की गावो के ओझा और ऐसि औरत तन्त्र मन्त्र की सिद्धि का अभ्यास करती ह उन्हेंअक्सर अपना माध्यम बनाती ह क्योंकि इनकी तरंगो की गति से ही वे अपनी सक्ति की सिद्धि करती है इसलिए तन्त्र की गोपनीय साकेतिक भासा में इसे चलाना कहते ह
0 कोई 2 साल पुराना पेड़  की जड़ के चारो ओरथोड़ा कोड़ के मिट्टी हल्की कर दे
दायरा सात हाथ की त्रिज्या में ले इसके चारो ओर ऊची मेढ़ बना ले ताकि जल ना बह जाये 
           
अश्वत्थाय वरेण्याय सर्वैश्वर्यदायिने 
अनन्तशिवरुपाय वृक्षराजाय ते नमः

0 सोमवार के सुबह से 21 मन्त्र पढ़ते हुए  बड़े लौटा से पानी डाले पेड़ को प्रणाम करके घर लौट जाए ऐसा सात दिन तक करे आठवे दिन सोमवार को ढाई हाथ भूमि नापकर उत्तर की ओर मुख करके आसन लगाये और दक्षिण तरफ की भूमि गाय के गोबर से लिप ले जड़ में पानी इस दिन भी दे  यहाँ पे आपको अपनी श्रद्धा अनुसार धुप दिप करना ह और चावल आदि का भोग लगाना ह 

0 अब प्रतिदिन रात्रि के पहर से साधना चालो होगी  और मन्त्र जाप 21 रात्रि तक 1188 मन्त्र का जाप अनिवार्य ह और रोज सुबह बीते हुए दिन जैसे पानी देना ह

0 मन्त्र अधूरा ह मागने पर मिलेगा पर पूर्ण रूप से जानकारी देने पर ही मन्त्र दिया जाए गा

ॐ (यहां पे ॐ की ध्वनि लम्बी साँस तक खिची जाए गी) नमः पीपल: देवदूत .....ममपठच्छतिय..... आगछसः.... देवदूत 

0 21रात्रि की साधना करने के बाद इस पेड़ पर रहने वाली सात्विक रूप के देव के सेवक  आप से सिध्द हो जाए गे  एक  बार मन्त्र सिद्ध होने पर वही पीपल आपका मित्र बन जाएगा  आप उसे लगातार भले ही थोडासा पानी देते रहे 

0 इससे आप जब भी जो भी कामना करेगे वह अपनी तरंगो के द्वारा आपके लिए अनुकूल वातावरण बनाये गा और किसी भी प्रकार से मन्त्र शक्तिकम हो रही हो तो ये उसको  अपनी तरंगो से मेल करके उसको शक्तिशाली बनाये गा

अब इसके प्रोयग  इस प्रकार ह

1 इस वृक्ष के पास बैठकर सनिवार इतवार जिस नारी के बाल या अधोवस्त्र का अपनी अनामिका ऊँगली के रक्त के साथ 108 मन्त्र से हवन करेगे  वह आपके वश में होगी

2 इस व्रक्ष की पूजा जिस नारी या पुरुष से करवाये गे वह् आपके वश में होगा

3 इस की जड़ में जिस नारी पुरुष के बाल नख मासिक रक्त अधोवस्त्र गाडगे वह् आपके प्रति वशीभूत होगा (महाअभिमंत्रित) करने पर

4 यहाँ बैठकर केवल ध्यान लगाकर किसी की नारी पुरुष की कामना करेगे और आपका मन उस पर पूर्ण एकागर  वह् आपके वश में होगा

0 यहां किसी भी प्रकार के केमिकल का प्रोयग नही किया जाए गा चाहे वो खाद ही क्यों ना हो

0 ऐसे ही इस पेड़ द्वारा कई कार्य होते ह यहाँ पर मुझसे वशीकरण के बारे में पूछा था तो बता दिया  मगर  एक ही पेड़ द्वारा सभी पस्तकर्म कर सकते ह बस विधि और मन्त्र में कुछ अंतर है

राम राम
ता0सुदीप
बह्ममा कुमारी आश्रम
लखनऊ

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